Monday, October 13, 2025

ई0पी0एफ0ओ ने न्‍यूनतम कार्यकाल की सीमा घटाई, न्‍यासी बोर्ड ने कई अन्‍य बड़े फैसले लिए

 

ई0पी0एफ0ओ ने न्‍यूनतम कार्यकाल की सीमा घटाई, न्‍यासी बोर्ड ने कई अन्‍य बड़े फैसले लिए

बदलाव - 12  माह की सेवा अवधि में ही पीएफ राशि निकाल सकेंगे। 


नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। 

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की केंद्रीय न्यासी बोर्ड बैठक में कर्मचारियों को राहत देने वाले कई अहम फैसले लिए गए। अब पीएफ खाते से सभी तरह की निकासियों के लिए न्यूनतम सेवा अवधि घटाकर सिर्फ 12 महीने कर दी गई है।

पहले आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि पांच साल और शादी-विवाह के लिए निकासी की न्यूनतम सेवा अवधि सात साल थी। इसी तरह से ईपीएफओ खाते से धनराशि निकालने के लिए मौजूदा 13 प्रावधानों को खत्म कर तीन प्रावधानों को ही लागू करने का फैसला किया गया है। इससे निकासी प्रक्रिया और आसान हो जाएगी। इसके साथ ही अब ईपीएफओ सदस्यों को आवश्यक जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, विवाह), आवास संबंधी जरूरतें और विशेष परिस्थिति दिखाकर खाते से पैसा निकाल सकेंगे। हालांकि, अंतिम दावा निपटान अवधि को बढ़ा दिया गया है। इसे दो महीने से बढ़ाकर 12 महीने कर दिया गया है।


विशेष परिस्थिति के लिए कारण बताना जरूरी नहीं

विशेष परिस्थितियों के मामले में सदस्य को कारण बताने की आवश्यकता नहीं होगी। पहले कारण बताना जरूरी होता था, जिससे कई दावे खारिज हो जाते थे। अब कर्मचारी बिना कोई कारण बताए भी आवेदन कर सकता है।


निकासी की सीमा बढ़ाई गई

  • अब शिक्षा के लिए 10 बार और विवाह के लिए 5 बार निकासी की अनुमति होगी।

  • पहले शादी और शिक्षा दोनों मिलाकर अधिकतम 3 बार तक निकासी की अनुमति थी।

  • अब किसी भी आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि सिर्फ 12 महीने रखी गई है।


घर से जमा कर पाएंगे जीवन प्रमाण पत्र

ईपीएफओ ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के साथ समझौता ज्ञापन को मजूरी दी। इसके बाद पेंशनभोगी अपना डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र घर बैठे जमा कर सकेंगे। प्रति सर्टिफिकेट 50 रुपये खर्च होंगे, जिसे पूरी तरह ईपीएफओ वहन करेगा। यह सुविधा ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के बुजुर्ग पेंशनरों के लिए राहत साबित होगी।


'विश्वास योजना' में भी राहत दी गई

  • अभी नियोक्ताओं द्वारा पीएफ की रकम देरी से जमा करने पर जुर्माने की दर 5% से 25% प्रति वर्ष थी, इसे घटाकर सिर्फ एक फीसदी प्रतिमाह किया गया।

  • दो महीने की देरी पर 0.25 और चार महीने की देरी पर 0.50 फीसदी जुर्माना लगेगा।

  • यह योजना छह महीने तक लागू रहेगी, जिसे आगे छह महीने और बढ़ाया जा सकता है। इस योजना से नियोक्ताओं और ईपीएफओ सदस्यों, दोनों को फायदा होगा।

  • नियोक्ताओं को विवादों से राहत मिलेगी और कर्मचारियों को उनका पैसा जल्दी और आसानी से मिलेगा।

  • इससे 6000 से अधिक मामलों का निपटारा होगा और 2,400 करोड़ से अधिक के बकाया विवाद समाप्त होंगे।


अन्‍य अहम निर्णय 

  • अब यह सभी निकासी बिना किसी दस्तावेजी प्रक्रिया के 100 फीसदी ऑटो दावा निपटान से होंगी।

  • अंतिम दावा निपटान के लिए अवधि को 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने किया गया।

  • अंतिम पेंशन निकासी की अवधि दो महीने से बढ़ाकर 36 महीने की गई।

  • अब फाइलें ऑनलाइन और तेजी से निपटाई जाएंगी। इससे उच्च पेंशन, विशेष सत्यापन और अन्य सुधार जैसे मामलों की गति बढ़ेगी।


13 तरह के प्रावधानों को खत्‍म किया गया, जो पीएफ निकासी पर लागू होते थे।

मंत्रालय ने सोमवार को 'कर्मचारी नामांकन अभियान, 2025' (ईईसी 2025) की शुरुआत की। इसके तहत पीएफ खाते से वंचित निजी क्षेत्र के कर्मचारियों का पंजीकरण किया जाएगा। यह योजना एक नवंबर, 2025 से 30 अप्रैल, 2026 तक लागू रहेगी। योजना के अनुसार, नियोक्ता उन सभी मौजूद्रा कर्मचारियों का नामांकन कर सकते हैं, जो एक जुलाई 2017 और 31 अक्टूबर, 2025 के बीच प्रतिष्ठान में शामिल हुए है लेकिन किसी वजह से पहले ईपीएफ योजना में नामांकित नहीं थे।


ईपीएफ रिटर्न भरने की ने समयसीमा बढ़ी

ईपीएफओ ने सितंबर माह के लिए ईपीएफ रिटर्न या ईसीआर दाखिल करने की समयसीमा एक सप्ताह बढ़ाकर 22 अक्टूबर, 2025 तक कर दी है। श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा कि नियोक्ताओं को हर महीने की 15 तारीख तक ईसीआर दाखिल करना अनिवार्य है।





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